बीपी के मरीजों के लिए काम की जानकारियां

बीपी के मरीजों के लिए काम की जानकारियां

डॉ. जी. डी. थापड़

ब्लड प्रेशर के मैनजमेंट का एकमात्र लक्ष्य होता है बीमारियों की जटिलताओं को बढ़ने से रोकना। बुनियादी बिंदु यह है कि अगर बिना दवाइयों के ब्लड प्रेशर को शारीरिक तरीकों से नियंत्रित किया जा सकता है तो इसे ही अपनाना चाहिए। जैसे- फिजिकल एक्टिविटी को बढाकर, वजन कम करके, खाने में नमक की मात्रा कम करके, धूम्रपान व शराब छोड़कर तथा हरी सब्जियों व फलों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करके। ब्लड प्रेशर के कुछ साधारण मामलों में दवाइयों के इस्तेमाल की आवश्यकता पड़ सकती है और कुछ गंभीर मामलों में यह उनकी आवश्यकता को न्यूनतम तक घटा देता है।

हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि ब्लड प्रेशर का नियंत्रण दवा या बिना दवा के, बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। साथ ही यह भी स्वीकार किया जाता है कि सभी दवाएं रासायनिक पदार्थों से बनी होती हैं और इनके सेवन से हमपर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। ये दवाइयां मरीज को जीवन भर लेनी होती हैं तो हो सके तो हमें कम से कम दवाइओं ही अच्छा होता है। हालांकि उचित जीवन शैली के अनुसार जीने से दवाइयों के ज्यादा सेवन से बच सकते हैं। इसलिए ब्लड प्रेशर से ग्रसित व्यक्ति  को इस प्रकार की जीवन शैली अपनानी चाहिए।

1- खान-पान:

शाकाहारी भोजन ही करें-

  • हरी और पत्तेदार सब्जियां प्रचुर मात्रा में खाएं।
  • मौसम के अनुसार ताजे फल खाएं।
  • अपनी पसंद के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में डालें खाएं।
  • अचार व चटनियों का इस्तेमाल कम करें।

मांसाहारी भोजन कभी-कभार ही करें-

  • चिकन व मुर्गी का मांस संतुलित रूप में खाएं।
  • लाल मांस न खाएं।
  • दूध व दही ( वसा निकला हुआ हो )
  • घी व मक्खन न खाएं।
  • अंडा प्रति सप्ताह पांच या इससे कम।

2- शराब का सेवन:

  • अच्छा तो यही है कि शराब छोड़ दें।
  • ब्लड प्रेशर और हृदय के लिए एक पैग की मात्रा ठीक है, ज्यादा सेवन विष के समान है।
  • रोज ली जा सकने वाली विह्स्की, ब्रांडी की योग्य अधिकतम मात्रा- पुरुषों के लिए 60 मि.ली. और महिलाओं के लिए 40 मि.ली. है।
  • सप्ताह में दो दिन अलकोहल मुक्त रहें।

3- अन्य पेय पदार्थ (चाय, कॉफ़ी, कोला, ड्रिंक्स और चॉकलेट) का सेवन:

  • संतुलित मात्रा में।
  • दिन में तीन या चार कप चाय और एक कोला ड्रिंक अथवा एक कप कॉफ़ी।

4- तंबाकू:

  • सबसे अच्छा तो यह है कि तंबाकू बिलकुल छोड़ दें।
  • यदि छोड़ना संभव नहीं है तो संतुलित मात्रा में धूम्रपान करें।
  • तंबाकू, पान या पान मसाला न चबाएं।

5- शरीर का वजन:

  • शरीर का वजन कंट्रोल रखें।
  • वजन कम करके या उसे बढाकर फिर उसमें घट-बढ़ न करें, वजन ज्यादा होना भी नुकसानदायक होता है।
  • मोटे शरीरवालों के लिए नियमित खान-पान हो।
  • यदि मोटापा हो तो आधा किलो वजन हर महीने कम करने का लक्ष्य रखें।

6- व्यायाम:

  • शारीरिक रूप से हमेशा एक्टिव रहें।
  • नियमित रूप से संतुलित व्यायाम करें।
  • यदि ब्लड प्रेशर असामान्य रूप से काफी ज्यादा है या प्रतिकूल लक्षण, जैसे-सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई अथवा कमजोरी महसूस हो तो शारीरिक श्रम के काम न करें।

7- तनाव:

  • शारीरिक व मानसिक तनाव दोनों के तनावों से मुक्त रहें।
  • अपने को शांत रखें, जल्दी गुस्सा करने से बचे।
  • कार्य, भोजन, आराम व मनोरंजन का निश्चित समय बनाए रखें और जरूरत से ज्यादा तनाव भरा काम न करें।
  • असमय काम न करें, जल्दीबाजी न करें, मुक्त महसूस करें समय से बंधा हुआ नहीं।
  • काम को बीच में ही अधूरा कभी न छोड़ेंम इससे तनाव पैदा होता है।
  • शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से भी अपने जीवन को संतुलित व सयमित बनाए रखें।

8- सेक्स संबंधी एक्टिविटी:

  • सामान्य रूप से संतुलित रूप में ही सेक्स करें।
  • सेक्स की गुप्त एक्टिविटी (सेक्स के लिए अलग-अलग पार्टनर बदलना) गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
  • यदि असामान्य लक्षण नजर आएं तो फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

9- धर्म और आस्था:

  • ब्लड प्रेशर कम रखने में आस्था बड़ी सहायक होती है। धार्मिक पुस्तकें व प्रवचन भी सहायक होते हैं, लेकिन सिर्फ उन्हीं के लिए, जिनकी उनमें आस्था होती है।

10- ध्यान:

  • ब्लड प्रेशर कम रखने में ध्यान करना सहायक होता है। एक अच्छे मेडिटेशन सेंटर में इसे सीख लें।

11- आपके बच्चों के लिए:

  • गाय के दूध या कृत्रिम दूध की बजाय बच्चों को स्वंय स्तनपान कराएं।
  • शुरू से ही उचित खान-पान रखकर बच्चों को पहलें दो साल व किशोरावस्था में वसा से बचाएं।
  • भोजन में नमक कम दें।

12- गर्भावस्था:

  • धूम्रपान न करें।
  • पौष्टिक भोजन लें।
  • यदि एनीमिया हो तो इलाज करें।
  • सारी आवशयक दवाइयां एकदम बंद कर दें।
  • ब्लड प्रेशर व मूत्र की नियमित जांच कराएं।

(यह आलेख डॉ. जी. डी. थापड़ द्वारा लिखी किताब ब्लड प्रेशर और स्वस्थ जीवन से लिया गया है)

 

इसे भी पढ़ें-

सेक्स के दौरान दिल के दौरे का खतरा, ये सावधानियां जरूरी

 

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।